उत्तरी अफ्रीका के देश मोरक्को में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचा दी है। कई सालों बाद आए इस विनाशकारी भूकंप ने अभी तक 1000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। चिंता की बात ये है कि कई घायलों की हालत बहुत गंभीर चल रही है, ऐसे में मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ सकता है। इसके ऊपर जिन इलाकों में ज्यादा नुकसान हुआ है, वहां पर कनेक्टिविटी काफी कमजोर है, ऐसे में रेस्क्यू टीम का जाना भी मुश्किल है।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को देर रात मध्य मोरक्को में स्थित मराकेश में 6.8 तीव्रता का तेज भूकंप आया था। वहां भी पहाड़ी इलाकों में ज्यादा नुकासन हुआ और वहीं से सबसे ज्यादा लाशें भी अभी तक निकाली गई हैं। इस भूकंप की कम से कम 8 ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो तबाही की पूरी कहानी बयां कर रही हैं।
मोरक्को की सरकार के मुताबिक अब तक 1037 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 1200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल भी बताए जा रहे हैं। अब इतनी बड़ी तबाही इसलिए मची है क्योंकि भूकंप का केंद्र एटलस पहाड़ों में ज़मीन से मात्र 18.5 किलोमीटर नीचे था। इसी वजह से झटके बहुत तेज लगे और कई प्राचीन इमारतों की भी नींव हिल गई। बताया जा रहा है कि इस भूकंप की वजह से 12वीं सदी की कौतौबिया मस्जिद को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल जेमा अल-फना स्क्वायर में एक मस्जिद की मिनार भी भूकंप के झटकों को सहन नहीं कर पाई और ताश के पत्तों की तरह ढह गई।
जानकार बताते हैं कि इससे पहले मोरक्कों में साल 1960 में एक विनाशकारी भूकंप आया था। उस भूकंप में तब 12000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। उसके बाद कई सालों तक कोई ऐसा बड़ा भूकंप देखने को नहीं मिला। लेकिन शुक्रवार की रात मोरक्को के लिए कहर बनकर टूटी। आलम ये रहा कि भूकंप के बाद लोगों को एक बार भी अपने घर जाने तक का मौका नहीं मिला। सड़कों पर ही सभी को रात गुजारनी पड़ी, सरकार को अंदेशा था कि घर में ज्यादा खतरा हो सकता है।
राहत की बात ये है कि समय रहते रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया और भारत की तरफ से भी मदद का आश्वासन दे दिया गया है। कहने को पीएम नरेंद्र मोदी जी20 कार्यक्रम में व्यस्त चल रहे हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें इस भूकंप की जानकारी मिली, उन्होंने सभी विश्व के बड़े नेताओं के सामने ही जोर देकर कहा कि भारत द्वारा मोरक्को की हर संभव मदद की जाएगी। इससे पहले तुर्किए की भी भारत ने ही काफी मदद की थी। दवाई से लेकर दूसरे जरूरी सामान तक वहां पहुंचाए गए थे।