मोरक्को में शुक्रवार देर रात आए एक खतरनाक भूकंप के बाद कई इमारतें ढह गई हैं। अब तक 630 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों लोग बेघर हैं। मोरक्को सरकार के मुताबिक अल-हौज़ इलाके में ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। मोरक्कन मीडिया ने बताया कि शहर के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक माराकेच में 12वीं सदी की कौतौबिया मस्जिद को काफी नुकसान हुआ है। यह एक विशाल और ऐतिहासिक मस्जिद कही जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट कर मोरक्को को हर संभव सहायता की पेशकश की है। उन्होंने लिखा, “मोरक्को में भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं। उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं, भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”
मोरक्को में आए भूकंप ने दुनियाभर की खबरों में जगह बनाई है, जहां मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कई घर ढह गए हैं और शहरों को काफी नुकसान हुआ है। चर्चा का विषय बन गई है मुल्क की एक ऐतिहासिक मस्जिद जिसका नाम कौतौबिया मस्जिद है। जानकारी के मुताबिक कौतौबिया मस्जिद को भूकंप से काफी नुकसान हुआ है, हालांकि अंतराष्ट्रीय मीडिया ने अभी इसे लेकर ज़्यादा जानकारी साझा नहीं की है कि नुकसान कितना ज़्यादा है। हम आपको यहां इस मस्जिद के बारे में बता रहे हैं।
ईंट और लाल पत्थर से बनी कौतौबिया मस्जिद मोरक्को की सबसे बड़ी मस्जिद कही जाती है। यह मराकेश शहर के अहम चौराहे जेमा एल फना पर मौजूद है। इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए इस मस्जिद के कई ऐतिहासिक पहलू जुड़े हुए हैं। मोरक्को घूमने जाने वाले लोगों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण स्थल भी माना जाता है। मस्जिद की मीनारें आकर्षण का केंद्र होती हैं। इसके नाम का मतलब किताबों से जुड़ा है। मस्जिद 1147 में अलमोहद में खलीफा अब्द अल-मुमीन ने अल्मोराविड्स से मराकेश पर विजय प्राप्त करने के तुरंत बाद बनाई गई थी। मराकेश शहर को 1070 के आसपास अल्मोराविद राजवंश (Almoravid Dynasty) ने अपनी राजधानी बनाया था। जिसके बाद 1147 में अल्मोहादों (Almohad Caliphate) ने अपने नेता अब्द अल-मुमीन के नेतृत्व में इस पर कब्ज़ा कर लिया था और फिर उन्होंने भी मराकेश को अपनी राजधानी बनाया।