जी20 समिट में आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अहम द्विपक्षीय बैठक हुई है। अब वैसे तो बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, लेकिन सभी की नजर ट्रूडो के उस बयान पर जा टिकी जहां पर उन्होंने एक तरह से खालिस्तानी गतिविधियों का समर्थन कर दिया। उनकी तरफ से साफ कहा गया कि कनाडा शांतिपूर्ण प्रदर्शन का हमेशा समर्थन करता है।
पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा हमेशा ही अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन की रक्षा करना भी जरूरी है। हां हम हिंसा को भी रोकना चाहते, नफरते के खिलाफ भी आवाज उठाना चाहते हैं। कुछ लोगों के एक्शन से पूरे देश को जज करना ठीक नहीं। ये नहीं भूलना चाहिए कि हमने ही कनाडा में कानून व्यवस्था के सम्मान करने का मुद्दा भी उठाया है।
अब ये कोई पहली बार नहीं है जब खालिस्तान पर कनाडा पीएम का ऐसा स्टैंड रहा हो। इससे पहले भी वे प्रदर्शन के नाम खालिस्तान का सपोर्ट कर चुके हैं। यहां ये समझना भी जरूरी है कि इस साल मार्च में कनाडा के भारतीय दूतावास के बाहर भी खालिस्तन समर्थकों द्वारा जमकर बवाल काटा गया था। उस समय भी भारत ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी, उसका खुलकर विरोध किया था। इसके अलावा जिस तरह से कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमला हुआ है, ये मुद्दा भी लंबे समय से विवाद का विषय बना हुआ है। इस पर भी कनाडा सरकार का रुख हमेशा विवादों में रहा है।
वैसे जी20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो से कई मुद्दों पर चर्चा की। उसे लेकर पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि आज जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की। कनाडा-भारत के रिश्तों पर विस्तार से बात की।