दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) के अनुसार, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए रूस जाने वाले हैं। वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस यात्रा के दौरान किम जोंग पुतिन से यूक्रेन-रूस जंग में हथियारों की आपूर्ति पर बात करेंगे।
एनआईएस के निदेशक किम क्यू-ह्यून ने कहा कि एजेंसी यात्रा पर बारीकी से निगरानी कर रही है क्योंकि उत्तर कोरिया और रूस के बीच शिखर सम्मेलन का अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। एनआईएस के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसी संभावना है कि किम जोंग-उन उम्मीद से अलग रास्ता चुनकर एक आश्चर्यजनक कदम उठा सकते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 20 उत्तर कोरियाई अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अगस्त के अंत में व्लादिवोस्तोक की यात्रा की। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया अपने हथियारों के बदले रूस से उपग्रहों और परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के लिए उन्नत तकनीक हासिल करना चाहता है।
उत्तर कोरिया की स्थापना को शनिवार को 75 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को बधाई दी है। पुतिन ने उत्तर कोरिया के साथ सभी मोर्चों पर मजबूत संबंध करने की बात कही है। पिछले कुछ महीनों में उत्तर कोरिया और रूस एक-दूसरे के काफी करीब आए हैं। दोनों देशों के बीच हथियारों के सौदे को लेकर भी बातचीत हुई है।
पुतिन ने किम जोंग को भेजे मैसेज में कहा, “मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हमारे संयुक्त प्रयासों की बदौलत हम सभी मोर्चों पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना जारी रखेंगे। ये हमारे लोगों के हितों के अनुरूप है। हमारा साथ आना कोरियाई प्रायद्वीप और उत्तर-पूर्व एशिया की सुरक्षा और स्थिरता में मदद करेगा।”
पुतिन ने कहा कि मैं किम जोंग उन की अच्छी सेहत की कामना करता हूं। मैं उत्तर कोरिया के सभी नागरिकों की शांति और उन्नति की प्रार्थना करता हूं। रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध हमेशा दोस्ती, अच्छे पड़ोसी और आपसी सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित रहे हैं।
वहीं, किम जोंग उन की रूस यात्रा की वजह से अमेरिका और इसके सहयोगियों के बीच चिंता का माहौल है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि किम और पुतिन की मुलाकात हथियारों के संबंध में हो सकती है। रूस यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए उत्तर कोरिया से हथियार खरीदना चाहता है इसलिए ही दोनों देश के नेता मिलना चाहते हैं।