महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से गोधरा जैसी घटना हो सकती है। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि राम मंदिर उद्घाटन समारोह के लिए देशभर से बड़ी संख्या में लोगों के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जुटने की उम्मीद की जा रही है लेकिन वापसी के दौरान गोधरा जैसी घटना हो सकती है।
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में सवार होकर अयोध्या से लौट रहे ‘कारसेवकों’ (राम मंदिर आंदोलन में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों के लिए संघ परिवार का शब्द) पर हमला किया गया था और उनके ट्रेन कोच में आग लगा दी गई। इसके बाद कई मौतों के कारण राज्य भर में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे।
मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर जलगांव में उद्धव ठाकरे ने कहा, “ऐसी संभावना है कि सरकार राम मंदिर उद्घाटन के लिए बसों और ट्रकों में बड़ी संख्या में लोगों को आमंत्रित कर सकती है और उनकी वापसी यात्रा पर गोधरा जैसी घटना हो सकती है।”
राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जनवरी 2024 में होने की संभावना है। उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसे प्रतीक नहीं हैं जिन्हें लोग अपना आदर्श मान सकें और इसके बजाय सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसे दिग्गजों को अपना रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे (भाजपा-आरएसएस) अब पिता बाल ठाकरे की विरासत पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा और आरएसएस की अपनी कोई उपलब्धि नहीं है।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये लोग (भाजपा और आरएसएस से) सरदार पटेल की महानता हासिल करने के करीब भी नहीं हैं। बता दें कि भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री बनने के लिए बाल ठाकरे के आदर्शों को त्यागने के लिए अकसर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है।
पिछले साल जून में शिवसेना में टूट के बाद दोनों ओर से हमले और तेज हो गए हैं। भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दावा है कि वे बाल ठाकरे के हिंदुत्व के सच्चे अनुयायी हैं।