दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर हर बीतते दिन के साथ और ज्यादा बिगड़ता जा रहा है। अभी भी दिल्ली का AQI 400 से ज्यादा दर्ज किया जा रहा है, कुछ जगहों पर तो ये 500 का आंकड़ा भी पार कर चुका है। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि अगले तीन दिन भी दिल्ली में इस धुंध से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। बल्कि कहा तो ये भी जा रहा है कि अगले 15 दिन राजधानी के लिए काफी खतरनाक साबित होने वाले हैं।
यहां ये समझना जरूरी है कि दिवाली अभी भी सात दिन दूर है, लेकिन उससे पहले ही हवा इतनी जहरीली हो चली है कि सांस लेना भी लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। ये आलम तो तब है जब अब पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है। असल में दिल्ली में जो धुंआ दिख रहा है, उसका एक बड़ा कारण पराली का जलना है। वो पराली भी पंजाब में काफी जलाई जाती है और उसी का धुंआ राजधानी में भी प्रदूषण बढ़ाने का काम करता है।
पंजाब में पिछले कुछ दिनों में एक नहीं हजारों पराली जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मान सरकार का दावा है कि अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है जिससे पराली ना जलाई जाए। लेकिन पंजाब में हालात ऐसे चल रहे हैं कि लोग अब अधिकारियों को ही बंधन बनाकर उनसे पराली जलवा रहे हैं। ये एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बन चुका है क्योंकि पंजाब और दिल्ली में एक ही पार्टी की सरकार है, ऐसे में किसी पर आसानी से आरोप नहीं मढ़ा जा सकता।
पंजाब के अलावा हरियाणा में भी पराली जलाई जा रही है, वहां भी स्थिति कोई बेहतर नहीं है। बड़ी बात ये है कि इन दोनों राज्यों का धुंआ दिल्ली तक तो पहुंच ही रहा है, वहां भी हवा को जहरीला कर रहा है। अब इस स्थिति से आम लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस समय बस राजनीति चल रही है।
एक तरफ दिल्ली सरकार लगातार केंद्र पर सवाल उठा रही है तो वहीं बीजेपी, आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार को नाकाम बता रही है। वैसे कुछ महीने पहले तक दिल्ली सरकार एक रिपोर्ट जारी कर दावा कर रही थी कि हवा में प्रदूषण कम हो गया था। उस समय तो यहां तक कह दिया गया था कि पिछले सालों में उठाए गए दिल्ली सरकार के कदमों की वजह से स्थिति में सुधार आया।
इसी तरह कोरोना काल के दौरान जब सड़कों पर गाड़ियां कम हो गई थीं, तब भी हवा एकदम साफ हो चुकी थी। तब भी श्रेय लेने की होड़ दोनों बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच दिखी थी। लेकिन अब जब फिर दिल्ली की सांस फूल रही है, जब फिर हवा जहर घुल चुला है, कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं दिख रहा। अभी के लिए दिल्ली को इस खराब हवा से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी स्थिति विस्फोटक ही बनी रहने वाली है।