उत्तराखंड के द्वार तीर्थ नगरी हरिद्वार में ‘पाड टैक्सी’ परियोजना को लेकर शहर के व्यापारियों के विभिन्न संगठन विरोध में उतर आए हैं। विभिन्न व्यापार संगठन के अलावा तीर्थ पुरोहित समाज और साधु संतों ने इस परियोजना के मार्ग में बदलाव करने की मांग की है। व्यापारी संगठनों ने कार्यदायी संस्था पर आरोप लगाए कि वह शासन और प्रशासन को मौके की वास्तविक स्थिति के बारे में नहीं बता रही है और अंधेरे में रख रही है।
साधु संतों का जबरदस्त विरोध
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं श्री निरंजनी पंचायती अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि ‘पाड टैक्सी’ यदि हरिद्वार के मुख्य बाजारों से निकाली जाएगी और उसके खंभे लगाएं जाएंगे तो इससे कुंभ मेले में सबसे बड़ी परेशानी होगी क्योंकि कुंभ मेले में साधु संतों की पेशवाई रेलवे रोड, अपर बाजार से होती हुई हर की पैड़ी जाती है, जिस कारण पेशवाई को निकालने में दिक्कत होगी और इस संकीर्ण रास्ते में यातायात की समस्या विकट होती जाएगी।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ‘पाड टैक्सी’ का मार्ग बदलने की प्रबल मांग करती है । शासन-प्रशासन को इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ‘पाड टैक्सी’ का नया मार्ग निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इस मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को वस्तु स्थिति से अवगत कराएगी।
व्यापार मंडल का विरोध
उधर, हरिद्वार व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव पाराशर के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल गढ़वाल मंडल की आयुक्त विनय शंकर पांडे से मिला और उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराया। व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि हर की पैड़ी अपर रोड रेलवे रोड का रास्ता अत्यंत संकीर्ण है। ऐसे में यदि पाड टैक्सी के खंबे इस मार्ग में लगाए गए तो इससे यातायात की समस्या और जटिल हो जाएगी। इससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ेगी, इसीलिए ‘पाड टैक्सी’ का मार्ग बदल दिया जाए। उन्होंने कहा कि पाड टैक्सी परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने शुरू से राज्य सरकार और हरिद्वार जिला प्रशासन को भ्रमित किया।
‘पाड टैक्सी’ के मार्ग अखाड़ों, व्यापारियों, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों व आम जनता की राय लिए बिना ही निर्धारित कर दिए गए गए हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार की जनता, व्यापारियों, अखाड़ों, गंगा सभा से सीधा संवाद कर परियोजना की नई डीपीआर तैयार की जाए। गढ़वाल मंडल आयुक्त और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सचिव विनय शंकर पांडे को व्यापार मंडल की ओर से ज्ञापन देकर मांग की गई कि प्रस्तावित ‘पाड टैक्सी’ कार योजना को शहर के बाहर ले जाया जाए ताकि शहर का आध्यात्मिक और पौराणिक स्वरूप भी बचा रहे और आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी सहूलियत हो।
व्यापारियों के ज्ञापन पर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने भी अपनी सहमति जताते हुए इस परियोजना को लेकर पुनर्विचार का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जनता की राय सर्वोपरि होगी। व्यापार मंडल साधु संतों विभिन्न धार्मिक संस्थाओं से बात करके ही इस परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।
13 करोड़ से अधिक की है ‘पाड टैक्सी’ परियोजना
हरिद्वार दर्शन ‘पाड टैक्सी’ कार परियोजना को लेकर उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रवक्ता ने कहा कि पाड टैक्सी के लिए खंभे 20 से 30 मीटर की दूरी पर खड़े किए जाएंगे। खंभों की गोलाई दो से ढाई फुट होगी, जबकि एलिवेटेड ट्रैक जमीन से साढ़े पांच से छह मीटर ऊंचा होगा। एलिवेटेड ट्रैक की चौड़ाई 4.2 मीटर होगी और अलग-अलग मार्गों पर बनने वाले स्टेशन भी जमीन पर नहीं बनेंगे। स्टेशन एलिवेटेड बनाए जाएंगे।
13 करोड़ 54 लाख रुपए की इस परियोजना को उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन हरिद्वार दर्शन नाम से बनाने की तैयारी कर रहा है। इस परियोजना के लिए वैश्विक निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं। इस परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पाड टैक्सी के चार मार्ग और 21 स्टेशन हैं। स्टेशन की चौड़ाई नौ मीटर और लंबाई 30 मीटर तक होगी। स्टेशन तक यात्री सीढ़ियों और एलिवेटर से जाएंगे।
पाड टैक्सी का बिजली से संचालन होगा। पीपीपी मोड पर इसका संचालन होगा। चारों मार्ग के ट्रैक की लंबाई 20.8 मीटर होगी। अभी पाड टैक्सी का अंतिम किराया निर्धारित नहीं किया गया है। शुरुआती तौर पर प्रति किमी 20 रुपए प्रति सवारी का प्रारूप बनाया गया है, लेकिन पीपीपी मोड पर संचालित करने वाली कंपनी ही किराया निर्धारित करेगी।
मेट्रो कारपोरेशन की योजना के अंतर्गत पांच सौ पाड टैक्सी चलाई जाएंगी। एक पाड में छह लोग बैठ सकेंगे। इनकी गति 40 से 60 किमी प्रति घंटे होगी। इस बहुप्रचारित और बहु विवादास्पद परियोजना का 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। हरिद्वार के ज्वालापुर रूप नगर के सीतापुर से उत्तरी हरिद्वार के भारत माता मंदिर तक सर्वाधिक 14 स्टेशन वाला सबसे लंबा 14.55 किलोमीटर का मार्ग होगा। सिटी अस्पताल से दक्ष मंदिर तक 3.1 किमी मार्ग पर चार स्टेशन होंगे। वाल्मीकि चौक से ललतारो पुल तक आधा किमी से अधिक रूट पर एक स्टेशन और गणेशपुरम से डीएवी तक 2.4 किमी के रूट पर दो स्टेशन होंगे।
फिलहाल व्यापारी संगठनों,साधु-संतों,गंगा सभा तथा अन्य संगठनों के विरोध के कारण अब पाड टैक्सी परियोजना की डीपीआर नए सिरे से बनाई जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि इसका रूट शहर से बाहर गंगा जी की तरफ बनाया जाए, जिससे तीर्थ यात्रियों को हरिद्वार एवं गंगा दर्शन भी हो सकेंगे। शहर के बीच में से मार्ग हटाने से भविष्य में यातायात की समस्या भी नहीं रहेगी।
पांच सौ ‘पाड टैक्सी’ चलेंगी
मेट्रो कारपोरेशन की योजना के अंतर्गत पांच ‘सौ पाड’ टैक्सी चलाई जाएंगी। एक पाड में छह लोग बैठ सकेंगे। इनकी गति 40 से 60 किमी प्रति घंटे होगी। इस बहुप्रचारित और बहु विवादास्पद परियोजना का 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। हरिद्वार के ज्वालापुर रूप नगर के सीतापुर से उत्तरी हरिद्वार के भारत माता मंदिर तक सर्वाधिक 14 स्टेशन वाला सबसे लंबा 14.55 किलोमीटर का मार्ग होगा। सिटी अस्पताल से दक्ष मंदिर तक 3.1 किमी मार्ग पर चार स्टेशन होंगे। वाल्मीकि चौक से ललतारो पुल तक आधा किमी से अधिक रूट पर एक स्टेशन और गणेशपुरम से डीएवी तक 2.4 किमी के रूट पर दो स्टेशन होंगे।