पिछले कुछ महीनों से हिंसा की आग से जूझ रहे मणिपुर से एक बड़ी आतंकी घटना सामने आयी है। यहां असम राइफल्स के जवानों पर हमला किया गया है। जानकारी के मुताबिक, आईईडी ब्लास्ट के बाद उन पर फायरिंग की गई। फिलहाल सभी जवान सुरक्षित हैं। घटना टेंगनौपाल जिले की बताई जा रही है। ब्लास्ट के बाद सुरक्षाबलों को सतर्क कर दिया गया है और इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
मणिपुर में उग्रवादियों ने गुरुवार सुबह सैबोल इलाके में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाने के बाद असम राइफल्स की एक टुकड़ी पर घात लगाकर हमला कर दिया, जब जवान नियमित गश्त कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक सुबह करीब 8.30 बजे भारत म्यांमार सीमा के पास टेंगनौपाल पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नारुम शैबोल (मारिंग नागा गांव) में तैनात F/20 असम राइफल्स की एक टुकड़ी पर अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने घात लगाकर हमला किया था। अभी तक किसी ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
अधिकारियों ने कहा कि कोई भी सैनिक घायल नहीं हुआ क्योंकि वे सुरक्षित वाहन में यात्रा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आईईडी विस्फोट के बाद आतंकवादियों की ओर से भारी गोलीबारी हुई। सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों से घेर लिया है। बड़े स्तर पर तलाशी अभियान भी जारी है। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमारे जवानों ने आतंकियों पर जवाबी फायरिंग की जिसके बाद वे मौके से भाग गए। सर्च ऑपरेशन जारी है। हमारे सैनिक घायल नहीं हुए क्योंकि वे सुरंग से सुरक्षित वाहन में जा रहे थे।”
वहीं, दूसरी ओर मणिपुर की कुकी-ज़ो जनजातियों के एक संयुक्त निकाय, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ़ोरम (ITLF) ने दावा किया कि अगर राज्य सरकार ने उनकी मांग नहीं सुनी तो वह कुकी-ज़ो बसे हुए क्षेत्रों में अगले कुछ हफ़्तों में एक स्वशासित अलग प्रशासन स्थापित करेगी। मंच ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में छह महीने से अधिक समय से चले आ रहे जातीय संघर्ष के बाद भी केंद्र सरकार ने अभी तक अलग प्रशासन की उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया है।
बुधवार को चुराचांदपुर जिले में एक विरोध प्रदर्शन रैली के दौरान आईटीएलएफ के महासचिव ने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों की आवाज नहीं सुन रही है।